वो छत पर खड़ी है
चेहरे पर हल्की मुस्कान लिए
देख रही एकटक
इधर ही इसी तरफ शायद।
देख रही एकटक
इधर ही इसी तरफ शायद।
उसने हाथ हिलाया है
कोई इशारा या
किसी को बुलाया हो शायद
कोई इशारा या
किसी को बुलाया हो शायद
उसके होंठ हिल रहे हैं
वो गुनगुना रही है
रूमानी कोई गीत शायद
वो गुनगुना रही है
रूमानी कोई गीत शायद
वो बातें कर रही है
फोन पर हंस-हंस कर
अपने आशिक से शायद।
फोन पर हंस-हंस कर
अपने आशिक से शायद।
अब वो बैठ गयी है
उदास नजरें नीची किए
कोई याद आया हो शायद
उदास नजरें नीची किए
कोई याद आया हो शायद
उसके लक्षण ठीक नही
अवश्य कोई चरित्रहीन है
शरीफ लोगों का अब
इस बस्ती में रहना मुश्किल है।।।
अवश्य कोई चरित्रहीन है
शरीफ लोगों का अब
इस बस्ती में रहना मुश्किल है।।।
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