इश्क था या
बुलबुला पानी का
आकर्षक कमसिन और
बेहद खूबसूरत
पर जब भी पकड़ना चाहा
वो कहीं था ही नही।।
बुलबुला पानी का
आकर्षक कमसिन और
बेहद खूबसूरत
पर जब भी पकड़ना चाहा
वो कहीं था ही नही।।
तुम कहते थे
तुम्हारी ही हूं और
सदा रहूंगी पर
रूह की जरूरतों की खातिर
जब भी नजरें दौड़ायी
तुम कहीं थे ही नही।।
तुम्हारी ही हूं और
सदा रहूंगी पर
रूह की जरूरतों की खातिर
जब भी नजरें दौड़ायी
तुम कहीं थे ही नही।।
इक दिन तुमने कहा
साथ यहीं तक था
और अलग हैं रास्ते
जब अजनबी बन गये
तब पढी दिल की इबारत
प्यार कहीं था ही नही।।
साथ यहीं तक था
और अलग हैं रास्ते
जब अजनबी बन गये
तब पढी दिल की इबारत
प्यार कहीं था ही नही।।
जिंदगी भर पूजा
खुदा जानकर
उस बुत को हमने
सांसों की डोर छूटते और
जहां से जाते नाउम्मीद 'शैल'
खुदा कहीं था ही नही।।
प्रकाश रंजन "शैल", पटना।
खुदा जानकर
उस बुत को हमने
सांसों की डोर छूटते और
जहां से जाते नाउम्मीद 'शैल'
खुदा कहीं था ही नही।।
प्रकाश रंजन "शैल", पटना।
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