Thursday, 1 August 2019

मैने सब कहानी सुनायी



मैने सब कहानी सुनायी
बस इक छुपा ली थी
जिसमे तुम थे ही नही 
एक भटका हुआ राही था
एक अन्जान सफर 
और एक अन्जान शहर।
जब अपना सब खोकर 
मै निकला उस शहर से 
बेशक तुम्हारी याद आयी थी
मगर मै भुला बैठा था
तुम्हारा नाम पता सब
अब जब भी मिलना
मुझे खुद मे समेट लेना
कि तुम्हारा नाम ही
मेरी पहचान बन जाए।।।।
© प्रकाश रंजन 'शैल'।

No comments:

Post a Comment