कविता या कोई कहानी है तू
ख्वाब है या जिन्दगानी है तू
बुढापे की मेरी जवानी है तू
फकीरा हूं मै मेरी रानी है तू।
ख्वाब है या जिन्दगानी है तू
बुढापे की मेरी जवानी है तू
फकीरा हूं मै मेरी रानी है तू।
दिल मे उमंगे हैं तुमसे सनम
तुम से शुरू है तुम पे खत्म
जीवन के हर शै मे देखूं तुम्हें
ये जानूं मै मेरी दिवानी है तू।
तुम से शुरू है तुम पे खत्म
जीवन के हर शै मे देखूं तुम्हें
ये जानूं मै मेरी दिवानी है तू।
यूं तो सफर मे उलझनें बड़ी
पल मे सवालों की लगती झड़ी
इक दुःख के आगे दूजा खड़ा
रहता है मन मेरा संशय भरा।
पल मे सवालों की लगती झड़ी
इक दुःख के आगे दूजा खड़ा
रहता है मन मेरा संशय भरा।
बढते रहें हमकदम हर कदम
तेरे संग सह लें जहां के सितम
बेचैन इस दिल की रवानी है तू
के तपते मरुस्थल मे पानी है तू।
तेरे संग सह लें जहां के सितम
बेचैन इस दिल की रवानी है तू
के तपते मरुस्थल मे पानी है तू।
तू ही सांस है जिन्दगानी है तू
मै कान्हा हूं मीरा दिवानी है तू
दुआ ये करें हम खुदा से सनम
तेरा संग हो अब सातों जनम।।
© प्रकाश रंजन 'शैल'।
मै कान्हा हूं मीरा दिवानी है तू
दुआ ये करें हम खुदा से सनम
तेरा संग हो अब सातों जनम।।
© प्रकाश रंजन 'शैल'।
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