Saturday, 1 April 2017

रेडियो मिर्ची

पहले-पहल जब रेडियो मिर्ची सुना, बड़ा अजीब सा नाम लगा था 'मिर्ची'! "रेडियो रसगुल्ला" या "जलेबी", "इमरती", " कलाकंद" कुछ भी तो रख सकते थे।।
मतलब तब मेरी शादी नही हुयी थी और अनुराधा पौडवाल का जब गाना बजता था, टी सीरिज वाले कहते थे 'अरे आवाज क्या है मिसरी की डली है डली', फिर ये "मिर्ची" ।
अब शादी के इतने सालों बाद आश्चर्य इसका होता है कि दीवानों ने 'रेडियो जहरीली', 'रेडियो फुंकार', 'रेडियो दहाड़', रेडियो हिस्स, रेडियो कानफाडू, रेडियो 'ऐजी कहां हो जी' क्यूं नही बनायी।
कहां हो जी???
पता नही मोबाइल मे घुसल क्या करते रहते हो???
😀😜😬😂🙏🏻

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