मैने संजीदगी से पुछा
मै कौन हूं?
उसने मुस्कुरा कर कहा
मंदिर का वो घंटा
जिसे जब तब बजा
मै ईश्वर तक
अपनी पुकार पहुंचाती हूं।।
फिर उसने मुस्कुरा कर पूछा
मै कौन हूं?
मैने संजीदगी से जवाब दिया
तुम मंदिर भी हो
ईश्वर भी और हां
मेरी पुकार भी।।।।
मै कौन हूं?
उसने मुस्कुरा कर कहा
मंदिर का वो घंटा
जिसे जब तब बजा
मै ईश्वर तक
अपनी पुकार पहुंचाती हूं।।
फिर उसने मुस्कुरा कर पूछा
मै कौन हूं?
मैने संजीदगी से जवाब दिया
तुम मंदिर भी हो
ईश्वर भी और हां
मेरी पुकार भी।।।।
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