कुछ दर्द छुपे थे सीने में
सांसें बेदिल-बोझिल सी थी
गालों पर आ ढलके आंसू
यादों पर देखो पहरा था
नम आंखों मे इक चेहरा था
हां चोट बड़ा ही गहरा था।।
सांसें बेदिल-बोझिल सी थी
गालों पर आ ढलके आंसू
यादों पर देखो पहरा था
नम आंखों मे इक चेहरा था
हां चोट बड़ा ही गहरा था।।
बातों-बातों मे बात चली
तेरे ख्वाब सजाते रात ढली
तुझको पाने की थी ख्वाहिश
पर गैर के सर पर सहरा था
नम आंखों मे इक चेहरा था
हां चोट बड़ा ही गहरा था।।
तेरे ख्वाब सजाते रात ढली
तुझको पाने की थी ख्वाहिश
पर गैर के सर पर सहरा था
नम आंखों मे इक चेहरा था
हां चोट बड़ा ही गहरा था।।
कहने-सुनने की बातें सब
जब तक जीएं हम साथ रहे
मांगें रब से बस दुआ यही
हो खुशीयों की बरसात रहे
इस फेर मे मौत भी ठहरा था
नम आंखों मे इक चेहरा था
हां चोट बड़ा ही गहरा था।।
जब तक जीएं हम साथ रहे
मांगें रब से बस दुआ यही
हो खुशीयों की बरसात रहे
इस फेर मे मौत भी ठहरा था
नम आंखों मे इक चेहरा था
हां चोट बड़ा ही गहरा था।।
पलकें रहती थी नीर भरी
तुझे खोने की थी पीड़ बड़ी
तुम गैर की बाहों मे खुश थे
और लबों की लाली थी गहरी
तेरे फरेब का रंग सुनहरा था
नम आंखों मे इक चेहरा था
हां चोट बड़ा ही गहरा था।।
तुझे खोने की थी पीड़ बड़ी
तुम गैर की बाहों मे खुश थे
और लबों की लाली थी गहरी
तेरे फरेब का रंग सुनहरा था
नम आंखों मे इक चेहरा था
हां चोट बड़ा ही गहरा था।।
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