मिरे जाने से पहले इजहार-ए-वफा हो जाए
तेरे दिल मे भी मचलते जज्बात हो अगर।
ना वस्ल की कमी ना कू-ए-दिल ही रौशन
यार से मेरे मिलने के ऐसे हालात हो अगर।
बहा देते हम भी दरया-ए-गम-ए-जीस्त
इन निगाहों की निगाहों से बात हो अगर।
खुदा ने बख्शी पर जिंदगी रह गयी बेजार
भीग लेते हम खुशीयों की बरसात हो अगर।
क्यूं ना अड़ जाउं मै अपना हक पाने को
तू मिरी जीस्त खुदा की सौगात हो अगर।
जी लें जिंदगी आज ऐसे जैसे कल होना नही
मेरे नसीब और भी क्यामत के रात हो अगर
जाना होता है हर मुसाफिर को एक दिन शैल'
सफर मे कितने भी रखे एहतियात हो अगर।।
प्रकाश रंजन 'शैल'
तेरे दिल मे भी मचलते जज्बात हो अगर।
ना वस्ल की कमी ना कू-ए-दिल ही रौशन
यार से मेरे मिलने के ऐसे हालात हो अगर।
बहा देते हम भी दरया-ए-गम-ए-जीस्त
इन निगाहों की निगाहों से बात हो अगर।
खुदा ने बख्शी पर जिंदगी रह गयी बेजार
भीग लेते हम खुशीयों की बरसात हो अगर।
क्यूं ना अड़ जाउं मै अपना हक पाने को
तू मिरी जीस्त खुदा की सौगात हो अगर।
जी लें जिंदगी आज ऐसे जैसे कल होना नही
मेरे नसीब और भी क्यामत के रात हो अगर
जाना होता है हर मुसाफिर को एक दिन शैल'
सफर मे कितने भी रखे एहतियात हो अगर।।
प्रकाश रंजन 'शैल'
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