आंखों के दो कोर तेरी यादों के हवाले है
इन छलकते आंसूओं पे मेरा इख्तियार नही है
इन छलकते आंसूओं पे मेरा इख्तियार नही है
जानता हूं कि इस जनम ना होगें रूबरू अब
नादान दिल मगर समझने को तैयार नही है
नादान दिल मगर समझने को तैयार नही है
सर पर तेरा साया था और जीते थे बेपरवाह
मेरा अल्हड़ बचपन लौटने को तैयार नही है
मेरा अल्हड़ बचपन लौटने को तैयार नही है
ये ही घर था बिखरी थी सब तरफ रानाइयां
बहारों का मौसम आए अब ईंतजार नही है
बहारों का मौसम आए अब ईंतजार नही है
तुम तो कहते थे खेल-खेल मे कट जाएगा
कह दो फिर यह जीवन है मंझधार नही है
कह दो फिर यह जीवन है मंझधार नही है
चलो सुना दें दुनिया को जीवन गीत 'शैल'
बड़ी बेवफा है सांसें इनका ऐतबार नही है
बड़ी बेवफा है सांसें इनका ऐतबार नही है
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